राहुल गांधी बने नेता प्रतिपक्ष,राहुल गांधी को क्या सुविधाएं,और क्या शक्तियां मिलेंगी

राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता होंगे,पिछले 10 सालों से लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली पड़ा था. 2014 और 2019 में किसी भी विपक्षी दल के पास नेता विपक्ष के लिए जरूरी संख्याबल ही नहीं था.2019 में कांग्रेस को 52 सीटें मिली थीं, तो 2014 में 44 सीटों पर सिमट गई थी.
नेता प्रतिपक्ष का पद हासिल करने के लिए किसी भी पार्टी को कुल सीटों का 10% प्राप्त करना आवश्यक है. यानी 543 में से 55 सीटें जीतनी जरूरी हैं, तभी इस पद पर दावा कर सकते हैं. इस बार कांग्रेस ने 99 सीटें जीती हैं, इसलिए नेता विपक्ष का पद उसके खाते में गया है. 2019 में कांग्रेस को 52 सीटें मिली थीं, तो 2014 में 44 सीटों पर सिमट गई थी.
कानून में कहा गया है कि नेता विपक्ष को कैबिनेट मंत्री के बराबर सैलरी, भत्ते और सुविधाएं मिलेंगी. कानून के मुताबिक राहुल गांधी को कैबिनेट मंत्री जैसा भारी भरकम बंगला मिलेगा. साथ ही सचिवालय में एक दफ्तर भी मिलेगा. इसके अलावा 330,000 लाख महीना वेतन और भत्ता भी मिलेगा. राहुल गांधी को कैबिनेट मंत्री जैसी सिक्योरिटी मिलेगी, मुफ्त हवाई यात्रा से लेकर ट्रेन यात्रा, सरकारी गाड़ी और दूसरी सुविधाएं भी दी जाएंगी.
राहुल गांधी को सदन में सिर्फ विपक्ष के नुमाइंदे नहीं होंगे, बल्कि एक तरीके से ‘शैडो प्रधानमंत्री’ की तरह काम करेंगे. बताते हैं राहुल गांधी के पास क्या शक्तियां होंगी.
*राहुल गांधी, पीएम मोदी के साथ उस पैनल का हिस्सा होंगे जो ईडी, सीबीआई, सेंट्रल विजिलेंस, सेंट्रल इन्फॉर्मेशन कमिश्नर, एनएचआरसी चीफ को को
सेलेक्ट करती है
*राहुल गांधी चीफ इलेक्शन कमिश्नर को चुनने वाले पैनल का भी हिस्सा होंगे.
*नेता विपक्ष के तौर पर राहुल गांधी सरकार के खर्चों की जांच करने वाली लोक लेखा समिति के अध्यक्ष होंगे.
*सरकार के कामकाज की लगातार समीक्षा भी कर सकेंगे.

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