बेंगलूरु. यशवंतपुर के नंदिनी लेआउट में रहने वाली 22 वर्षीय नसीमा बानो और उसके पति ने नसबंदी का ऑपरेशन करवाना था। चिंमामणि सरकारी अस्पताल में इसके लिए शिविर लगा था। नसीमा के पति और उनकी एक परिचित ने उसका नाम भी वहां लिखवाया।
घंटों इंतजार करने के बाद ऑपरेशन के लिए उसकी बारी आई। जब वे ऑपरेशन थिएटर में गई, तो देखा कि डॉक्टर रामाकृष्ण ऑपरेशन के दौरान मरीजों को कृष्ण-कृष्ण जपने को कह रहा था।
नसीमा को ऑपरेशन के लिए 1 बजे का समय दिया गया। जब नसीमा नाम की मुस्लिम महिला का नंबर आया तो डॉक्टर के कहने पर मुस्लिम होने के कारण अल्लाह-अल्लाह कहना शुरू किया, तो डॉक्टर ने इस पर आपत्ति जताई। रिपोर्ट के अनुसार- नसीमा ने डॉक्टर को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माना। डॉक्टर ने ऑपरेशन से पहले कृष्ण-कृष्ण जपने को मजबूर किया। डॉक्टर ने मरीज को धमकी दी कि अगर वह ऐसा नहीं करेगी तो वह उसका ऑपरेशन नहीं करेगा। महिला ने धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।