11 तोले सोने के उस्तरे से हजामत करता है ये नाई, होती है एडवांस बुकिंग

महाराष्ट्र के बीड में एक ऐसा नाई भी है जो हजामत करने के लिए सोने के उस्तरे का इस्तेमाल करता है। विशाल घमारे और आकाश झांबरे नाम के दो दोस्तों ने 13 अक्टूबर को ‘सीजर’ नाम से सैलून शुरू किया। विशाल और आकाश कुछ अलग करना चाह रहे थे। अलग करने की चाह में इन्होंने चार लाख दस हजार रुपये में 11 तोले सोने का उस्तरा का खरीदा। विशाल और आकाश की अलग सोच से इनके बिजनेस को फायदा भी हो रहा है। दुकान शुरू हुए अभी एक हफ्ता भी नहीं हुआ है, लेकिन यहां शेविंग कराने वालों की लाइन लग जाती है। हर किसी के दिले में सोने के उस्तरे से दाढ़ी बनवाने की इच्छा है। जिस वजह से सैलून में दो दिनों की वेटिंग चल रही है। आमतौर पर दाढ़ी बनवाने के 40 से 70 रुपये लिए जाते हैं। लेकिन सीजर में इसके लिए 150 रुपये का खर्चा आता है। हालांकि, सोने के उस्तरे से दाढ़ी बनवाने के बाद लोगों को ये कीमत खटकती नहीं है। गौरतलब है कि कुछ महीनों पहले महाराष्ट्र के ही सांगली का एक नाई चर्चा का विषय बना था। उस्तरा मेन्स स्टूडियो में हजामत के लिए 10 तोले सोने के उस्तरे का इस्तेमाल किया जाता है।

शिवसेना का बीजेपी पर हमला, कहा- नोटबंदी पर तत्काल निर्णय हुआ, राममंदिर पर क्यों नहीं

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आज सवाल किया कि केंद्र की भाजपा नीत सरकार अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए उस तरह से एक तत्काल निर्णय क्यों नहीं करती जिस तरह से उसने नोटबंदी के मामले में किया था. ठाकरे ने पार्टी नेताओं की एक बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘ वे (भाजपा) चुनाव से पहले राम मंदिर निर्माण, समान नागरिक संहिता और जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाने की बात करते हैं लेकिन किस चुनाव में 2019 या 2050, वे यह नहीं बताते.’’ ठाकरे ने कहा, ‘‘ आपने (भाजपा सरकार) जिस तरह से नोटबंदी का तत्काल निर्णय किया, आप राम मंदिर निर्माण का भी तत्काल निर्णय कर सकते हैं क्योंकि आपके पास बहुमत है.’’ उन्होंने कहा कि अभी तक भाजपा का एजेंडा विकास था लेकिन अब उसका स्थान राम मंदिर मुद्दे ने ले लिया है.

हिजाब अनिवार्य, शतरंज खेलने ईरान नहीं जाएगी भारतीय स्टार सौम्या स्वामीनाथन

महिला ग्रैंडमास्टर और पूर्व जूनियर गर्ल्स चैंपियन सौम्या स्वामीनाथन 26 जुलाई से 4 अगस्त तक ईरान के हमदान में आयोजित होने वाली एशियन टीम शतरंज चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं लेंगी। सौम्या ने इस्लामिक देश ईरान में अनिवार्य रूप से हिजाब या स्कार्फ पहनने के नियम को अपने निजी अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए यह फैसला लिया है। भारत की नंबर 5 महिला शतरंज खिलाड़ी 29 वर्षीय सौम्या ने फेसबुक पर लिखा, ‘मैं जबरदस्ती स्कार्फ या बुरका नहीं पहनना चाहती। मुझे लगता है कि ईरानी कानून के तहत जबरन स्कार्फ पहनाना मेरे बुनियादी मानवाधिकार का सीधा उल्लंघन है। यह मेरी अभिव्यक्ति की आजादी और विचारों की आजादी सहित मेरे विवेक और धर्म का उल्लंघन है। ऐसी परिस्थितियों में मेरे अधिकारों की रक्षा के लिए मेरे पास एक ही रास्ता है कि मैं ईरान न जाऊं।’ सौम्या ने लिखा कि हर बार जब वह राष्ट्रीय टीम में चुनी जाती हैं और भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं तो बेहद गौरवान्वित महसूस करती हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे बेहद अफसोस है कि मैं इस तरह के एक महत्वपूर्ण चैंपियनशिप में भाग लेने में असमर्थ हूं।’ सौम्या ने कहा कि एक खिलाड़ी खेल को अपनी जिंदगी में सबसे पहले रखता है और इसके लिए कई तरह के समझौते करता है लेकिन कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिनके साथ समझौता नहीं किया जा सकता।

आज भारत की छवि अपराध और दुष्कर्म वाले देश की बन गई है: मुंबई हाई कोर्ट

भारत में मुंबई हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा है कि कठुआ और उन्नाव की वारदातों से देश की छवि खराब हुई है। कोर्ट ने बृहस्पतिवार को सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर और वामपंथी नेता गोविंद पनसारे की हत्या मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि विदेशों में आज भारत की छवि अपराध और दुष्कर्म वाले देश की बन गई है। यहां उदार एवं धर्मनिरपेक्ष लोग सुरक्षित नहीं हैं। न्यायमूर्ति एस सी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति भारती डांगरे की पीठ ने कहा कि भारत में इस समय हर उदारवादी संस्था और व्यक्ति पर हमले हो रहे हैं। अदालत का कहना था कि मौजूदा हालात को देखते हुए दुनिया के दूसरे देश आज भारत से शिक्षा और सांस्कृतिक संबंध क़ायम करने में कतराते हैं। सुनवाई के दौरान सीबीआई और सीआईडी की ओर से अदालत को यह बताया गया कि दाभोलकर और पनसारे के हत्यारों का पता नहीं चल पाया है। इस पर हाईकोर्ट ने दोनो एजेंसियों को जमकर फटकार लगाई। न्यायमूर्ति धर्माधिकारी ने कहा कि हमलों से कोई संस्था आगे नहीं बढ़ती। यहां तक कि न्यायपालिका भी। पीठ ने कहा कि क्या हम सुरक्षा कवच में रहना चाहते हैं। न्यायमूर्ति धर्माधिकारी ने पिछले साल भी मामले की सुनवाई के दौरान आशंका जताई थी कि दोनो को योजनाबद्ध तरीके से मारा गया था। दाभोलकर और पनसारे के परिवार को भरोसा है कि एक दिन हत्यारे पकड़े जाएंगे और उन्हें दंड मिलेगा, लेकिन जांच एजेंसियों के हाथ अब तक खाली हैं। इस प्रकार की हत्याओं में हिंदूवादी संगठनों और भगवा आतंकियों की भूमिका बताई जाती है और चूंकि भारत में इन संगठनों का विशेष कर इस समय प्रभाव है अतः उनके ख़िलाफ़ कोई कार्यवाही नहीं हो पाती। जांच एजेंसियों पर भी आरोप लगता रहा है कि भगवा चरमपंथियों के मामले में वह ढिलाई बरतती हैं। हाल ही में मक्का मस्जिद धमाके के सभी आरोपियों के बरी हो जाने के बाद भी एनआईए की भूमिका पर सवाल उठे थे।

स्याही खत्म, रुकी 200 और 500 के नोटों की छपाई

स्याही खत्म हो जाने के कारण यहां स्थित नोट मुद्रण कारखाने में 200 रुपए और 500 रुपए के नोटों की छपाई में रुकावट आ गई है। छापाखाना कामगार परिसंघ के अध्यक्ष जगदीश गोडसे ने कहा, ‘नोटों की छपाई में आयातित स्याही का इस्तेमाल होता है जो अभी उपलब्ध नहीं है। इसके कारण 200 रुपए और 500 रुपए के नोटों की छपाई रुक गई है। उन्होंने कहा कि देश भर में नकदी की कमी की समस्या के पीछे यह भी एक कारण हो सकता है। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि नोटों की छपाई कब से बंद है। यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब सरकार ने एक ही दिन पहले 500 रुपए के नोटों की छपाई पांच गुना बढ़ाने का आदेश दिया है ताकि अगले महीने 75 हजार करोड़ रुपए के नए नोटों की आपूर्ति की जा सके।

मुंबई सीरियल ब्लास्ट: अबू सलेम और उस के साथी करीमुल्लाह शेख को हुई उम्रकैद,ताहिर मर्चेंट और फिरोज को फांसी

मुंबई सीरियल ब्लास्ट केस में अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. इसके साथ ही विशेष टाडा अदालत ने उसके साथी करीमुल्लाह शेख को भी उम्रकैद की सजा देते हुए 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. एक अन्य दोषी मुस्तफा दोसा का दिल का दौरा पड़ने से पहले ही मौत हो चुकी है. मुंबई विस्फोट के 24 साल बाद अदालत ने अबू सलेम सहित छह लोगों को दोषी करार दिया था, जबकि एक आरोपी को दोषमुक्त कर दिया था. 12 मार्च 1993 में मुंबई में सीरियल ब्लास्ट हुए थे, जिसमें 257 लोगों की मौत हो गई थी और 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. इस हमले में दोषी पाए गए आरोपियों में पुर्तगाल से 2005 में प्रत्यर्पित कर लाया गया माफिया डॉन अबू सलेम, मुस्तफा दोसा, मोहम्मद ताहिर मर्चेट, करीमुल्लाह खान, रियाज सिद्दीकी और फिरोज अब्दुल राशिद खान शामिल हैं. मुस्तफा को संयुक्त अरब अमीरात से प्रत्यर्पित कर लाया गया था, जिसकी हाल ही में मौत हो गई है. एक अन्य प्रमुख आरोपी अब्दुल कयूम को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया था. फिल्म स्टार संजय दत्त के घर हथियार और गोला-बारूद पहुंचाने में कयूम ने सलेम का साथ दिया था. कयूम को 13 फरवरी, 2007 को गिरफ्तार किया गया था. मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक सलेम पर हथियार और गोलाबारूद सहित एके-47 राइफल और हथगोला आपूर्ति का आरोप था, जिसका विस्फोट में इस्तेमाल किया गया था. इसे गुजरात से मुंबई लाया गया था.

अबू सलेम समेत 5 दोषियों को आज सुनाई जाएगी सजा,सलेम को नहीं मिल सकती फांसी की सजा

मुंबई. 12 मार्च 1993 को मुंबई में हुए सीरियल ब्लास्ट केस में गुरुवार को मुंबई की स्पेशल टाडा कोर्ट सजा का एलान करेगी। इस केस में डॉन अबू सलेम समेत सभी पांच दोषियों को सजा सुनाई जाएगी। 16 जून 2017 को कोर्ट ने इस केस में अबू सलेम, मुस्तफा दौसा, उसके भाई मोहम्मद दौसा, फिरोज अब्दुल राशिद खान, मर्चेंट ताहिर और करीमुल्लाह शेख को दोषी करार दिया था। इनमें से मुस्तफा दौसा की 28 जून को हार्टअटैक से मौत हो गई थी। गैंगस्टर अबू सलेम को पुर्तगाल से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया था। पुर्तगाल से प्रत्यर्पण संधि (extradition treaty) होने की वजह से कोर्ट सलेम को फांसी या उम्रकैद की सजा नहीं दे सकती है। माना जा रहा है कि उसे ज्यादा से ज्यादा 25 साल तक की सजा दी जा सकती है। सजा पर बहस के दौरान प्रॉसिक्यूशन ने दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की थी।

मुंबई में भारी वर्षा से थम गई ज़िंदगी, 5 लोगों की मौत

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expresslivenews (Edited By: Sardar Husain)
मानसून की भीषण वर्षा के बाद मुंबई शहर में ट्रान्सपोर्ट सिस्टम अस्त व्यस्त हो गया है। शहर की सड़कें पानी में डूब गई हैं और अधिकारियों ने लोगों को घरों में रहने की सुझाव दिया है।

सहायता कर्मियों का कहना है कि दक्षिणी एशिया में मानसून के बाद हालिया बारिश से एक करोड़ 60 लाख लोग प्रभावित हुए हैं जबकि नेपाल और बांग्लादेश में वर्षा से 500 से अधिक मौतें हुई हैं।

मंगलवार को मुंबई में होने वाली बारिश के बाद ट्रेन सेवा भी ठप्प पड़ गई और कई उड़ानें भी रद्द हुईं। पूरे शहर में स्कूल बंद हैं।

इससे पहले वर्ष 2005 में भी भीषण वर्षा हो जाने से 500 से अधिक लोग मारे गए थे।

कुछ सूत्रों का कहना है कि निकासी नालों के बंद हो जाने के कारण शहर में इस तरह पानी भरा है।

15 अगस्त से हड़ताल पर होंगे सिनेकर्मी, फिल्मों पर पड़ेगा असर

मुंबई: सिने जगत के लगभग 2,50,000 कर्मचारी और श्रमिक, निर्माताओं के साथ लंबित उनके विभिन्न मुद्दों के जल्द से जल्द समाधान की मांग करते हुए 15 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं. पश्चिमी भारत सिने कर्मचारी संघ (एफडब्ल्यूआईसीई) के तत्वावधान में होने जा रही हड़ताल में फिल्म और टेलीविजन उद्योग के स्पॉटबॉय, जूनियर कलाकार और सभी तरह के कर्मचारी भाग लेंगे. एफडब्ल्यूआईसीई के अध्यक्ष बीरेंद्र नाथ तिवारी ने कहा, ‘‘लंबे समय से लंबित अपनी मांगों को लेकर हम हड़ताल करने जा रहे हैं. कर्मियों से आठ घंटे से ज्यादा समय तक काम करवाया जा रहा है. यह उनकी सुरक्षा का एक बहुत बड़ा मुद्दा है. कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है.’’ इस हड़ताल से कई फिल्में प्रभावित हो सकती हैं.

भारत में खुद को सुरक्षित मानती हूं- फिल्म अदाकारा हुमा कुरैशी

मुंबईः बॉलीवुड में फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ से पहचान बनाने वाली अदाकारा हुमा कुरैशी ने कहा कि फिल्मों के लिये ऑडिशन देने में उन्हें कभी शर्म महसूस नहीं हुई । गुरिंदर चढ्डा के निर्देशन में बनी फिल्म ‘पार्टिशन 1947’ में मुख्य भुमिका निभा रही हुमा ने कहा कि इस फिल्म से पहले गुरिंदर से उनकी कभी मुलाकता नहीं हुई थी और यह किरदार एक कास्टिंग डायरेक्टर के जरीये उन्हें मिला। बता दें हुमा कुरैशी का पाकिस्तान से गहरा नाता है और यह रिश्‍ता दर्द का है। उनके परिवार ने भी भारत विभाजन का दर्द झेला है। इसकी टीस हुमा को भी होती है। उनका आधा परिवार पाकिस्‍तान में ही रह गया था। हुमा कुरैशी बताती हैं कि उनके दादा फरूखद्दीन कुरैशी का जन्म अविभाजित भारत में हुआ था। 1947 में विभाजन के बाद दादाजी की दो बहनें पाकिस्तान में रह गईं और दादाजी दिल्ली आ गए। हुमा के परिवार ने भी विभाजन की पीड़ा झेली है और उन्‍हें भी इसकी टीस होती है। वह कहती हैं कि दोनों मुल्कों के बीच खिंची लकीर ही अवाम की तकदीर बन गई। विभाजन का दर्द आज भी दोनों मुल्कों में बसे लोगों को टीस देता है। वह सोचते हैं कि आखिर बंटवारा क्यों हुआ, क्यों कत्ल-ओ-गारद हुए, क्यों अपने ही बेगाने हो गए?