अमृतसर के जौड़ा फाटक में ये हादसा उस समय हुआ, जब ट्रैक के पास रावण का पुतला जलाया जा रहा था. हावड़ा मेल और एक डीएमयू ट्रेन के एकाएक आने से ये हादसा हुआ. पुलिस के अनुसार, इस हादसे में 58 लोगों के मारे जाने की खबर है. कहा जा रहा है कि लोग ट्रैक पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे. उसी समय ट्रेन आ गई. लोग ट्रेन से बचने के लिए दूसरी तरफ गए, लेकिन उसी दौरान उस ट्रैक पर भी ट्रेन आ गई. इस हादसे में 72 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है. हादसे पर दुख जताते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने हादसे में मारे गए मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया है.

उधर केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल अमेरिका दौरा बीच में छोड़कर देश लौट रहे हैं. मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि इस यह हादसा प्रशासन और दशहरा समिति के गलतियों का नतीजा है. जब ट्रेन आ रही थी, तब ट्रेन को हॉर्न बजाना चाहिए था. लोगों को अलार्म के जरिए ट्रेन के बारे बताया जाना चाहिए था. इससे लोग बच सकते थे. लोगों ने बताया कि प्रशासन को सुनिश्चित करना चाहिए था कि ट्रेन यहां पर धीमी हो जाए. कहा जा रहा है कि रावण दहन के कारण ट्रैक पूरी तरह से लोगों से भरा हुआ था. इसी दौरान ट्रेन आ गई. ट्रैन के चपेट में आने से मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है. घायलों को अस्पताल ले जाया जा रहा है.

चश्मदीदों का कहना है कि रावण दहन के समय वहां भीड़ काफी थी. इसी दौरान ट्रैक पर ट्रेन आ गई. लोग बंद गेट की तरफ भागे, लेकिन तभी दूसरे ट्रैक पर डीएमयू ट्रेन आ गई. माना जा रहा है कि पटाखों की तेज आवाज में लोग ट्रेन के आने की खबर नहीं सुन सके. मौके पर रेलवे के आलाअधिकारी पहुंच चुके हैं. घटनास्थल पर बचाव कार्य जारी है. घायलों को एंबुलेस के जरिए घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है. बताया जा रहा है कि यह ट्रेन पठानकोट से अमृतसर जा रही थी.

अमृतसर के पुलिस कमिश्नर एसएस श्रीवास्तव का कहना है कि हम फिलहाल मौत का सही आंकड़ा नहीं बता सकते, लेकिन ये मृतकों की संख्या 50 से 60 तक हो सकती है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here