इमारत-ए-शरिया और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने रविवार को इस्लाम और राष्ट्र को खतरे में बताते हुए सड़क पर उतरने का एलान किया। बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने गांधी मैदान में ‘दीन (धर्म) बचाओ, देश बचाओ’ रैली को संबोधित करते हुए कहा कि हमने चार साल इंतजार किया, यह सोचकर कि भाजपा संविधान के तहत देश चलाना सीख लेगी लेकिन अपने लोगों और देशवासियों को बताना पड़ रहा है कि देश के साथ-साथ इस्लाम पर भी खतरा है।
पूर्व सदस्य राज्यसभा एवं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य हजरत मौलाना ओबैदुल्लाह खान आजमी ने कहा कि हमारी मांग है कि सरकार अपने रवैये में बदलाव करे। भीड़ द्वारा हिंसा और कुछ बेलगाम नेताओं के बयान से देश के मुसलमानों, दलितों और शोषित वर्ग में भय पैदा करने की कोशिश की जा रही है। सरकार से हमारी मांग है कि समाज में समानता कायम करने की कोशिश करे। हिन्दुस्तान की आजादी के लिए मुसलमानों ने भी शहादत दी है। हिंदुस्तान केवल हिंदूओं के लिए या ब्राह्मणों की सत्ता के लिए आजाद नहीं हुआ था। अगर ऐसा होता है तो ये आजादी के लिए शहीद हुए लोगों के साथ धोखाधड़ी होगी।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव हजरत मौलाना उमरैन महफूज रहमानी ने कहा कि अररिया, फूलपुर और गोरखपुर में जनता ने केंद्र को तीन तलाक दे दिया है। अगले आम चुनाव में इस मुल्क की जनता उन्हें सत्ता से बेदखल कर देगी। इस मौके पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, कोलकाता के सदस्य हजरत मौलाना अबु तालिब रहमानी ने कहा कि जिस का पिता मजबूत होता है उसके वंशज भी मजबूत होते है। उन्होंने आगे कहा कि 5 लाख मुस्लिम महिलाओं ने हस्ताक्षर कर केंद्र को सौंपा फिर भी तीन तलाक बिल को लाकर सारी मसाइल के हल निकालने का दावा किया जा रहा। हमें दीन और देश दोनों को बचाना है।

कार्यक्त्रस्म में शामिल मुस्लिम नेताओं ने आरोप लगाया कि राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हमारे धर्म और शरीयत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि हम सभी लोग शरीयत में हस्तक्षेप के हर प्रयास की निंदा करते हैं। मुस्लिम नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक ओर सरकार महिलाओं की सुरक्षा की बात करती है और दूसरी ओर देश में मासूम बच्चियां भी सुरक्षित नहीं है। उत्तरप्रदेश और जम्मू में हुई घटना की मुस्लिम संगठन निंदा करता है और इस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हमारी मांग है कि सरकार अपराधियों पर ऐसी सख्ती बरते कि आगे से ऐसी कोई घटना दोबारा नहीं हो। ऐसे अपराधियों को कठोर से कठोर सजा दी जाए।

कार्यक्रम के संयोजक खालिद अनवर ने कहा कि इस सम्मलेन का उद्देश्य हिन्दू-मुस्लिम सौहार्द को बहाल करना, सभी धर्मों का सम्म्मान करना और हमारे दीन की रक्षा करना है। उन्होंने कहा कि कौम कमजोरों की हिफाजत के लिए आगे आये। पिछले कुछ सालों में संविधान के साथ साथ मुसलमानों को मिले अधिकार को कम करने की कोशिश और शरीयत से छेड़छाड़ के खिलाफ इस कॉन्फ्रेंस के इस रैली में शामिल होने के लिए बिहार समेत देश के कोने-कोने से लोग सुबह से ही लोग गांधी मैदान पहुंचने लगे हैं। शहर की सुरक्षा व्यवस्था काफी चुस्त कर दी गयी थी।

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