गोरखपुर के ग्रामीण वितरण खण्ड द्वितीय के नौसढ़ उपखंड में एक शख्स घर का बिजली बिल जमा करने विभाग के काउंटर पर पहुंचा,बिल 4950 का था.बिल 4950 रुपये जमा कर दिया और उसकी रसीद लेकर घर वापस आ गया. बिजली बिल भुगतान की जो रसीद उसे विभाग की तरफ से दी गई थी उसमें रकम वाले कॉलम में कनेक्शन आईडी लिख दी गई जो कि 10 अंकों का थी.
बिल का भुगतान होने के बाद जब विभाग की तरफ से हिसाब मिलाया जा रहा था तब इस गलती का एहसास हुआ. बिजली विभाग के कर्मचारियों को लगा कि किसी ने एक अरब 97 करोड़ रुपये का बिल भुगतान कर दिया है.जब इस जमा राशि की सूचना लखनऊ में बैठे वरिष्ठ अधिकारियों को हुई तो उन्होंने इसकी जानकारी मांगी.
जांच में पता चला कि बिजली निगम के ऑपरेटर की लापरवाही और सिस्टम की खामियों की वजह से एक उपभोक्ता का 1 अरब 97 करोड़ रुपये का बिल जमा हो गया है.
इस गड़बड़ी को लेकर गोरखपुर में बिजली वितरण विभाग के चीफ इंजीनियर आशु कालिया ने बताया कि गलती से कैशियर ने अमाउंट की जगह उसका अकाउंट नंबर डाल दिया जो कि दस अंक का होता है. इसी वजह से असुविधा की स्थिति पैदा हुई, यह एक मानवीय भूल थी जिसे बाद में सुधार लिया गया.