दूरसंचार क्षेत्र में 5जी तकनीक को लेकर सरकार गंभीर हो गई है। सरकारी की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मंगलवार को इसके लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया। इस समिति को वर्ष 2020 तक प्रौद्योगिकी क्रियान्वित करने के लिये रूपरेखा तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है।
इस समिति में दूरसंचार, इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव शामिल हैं। दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने मंगलवार को यहां बताया कि सरकार ने 5जी तकनीक पर एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित की है जो इसके दृष्टिकोण, मिशन और लक्ष्यों के बारे में काम करेगी।
उनका कहना है कि दुनिया में वर्ष 2020 में जब 5जी तकनीक लागू होगी, तो उम्मीद है कि भारत उनके साथ खड़ा रहेगा। अधिकारियों का कहना है कि सरकार 5जी से जुड़ी गतिविधियों के लिए 500 करोड़ रुपये का कोष सृजित करने की दिशा में काम कर रही है। यह कार्य मुख्य रूप से अनुसंधान एवं विकास -आरएंडडी- पर केंद्रित रहेगा।