सऊदी अरब ने कहा है कि वह रियाद में ग़ैर-मुस्लिम प्रवासियों के चुनिंदा समूह को शराब बेचने के लिए एक दुकान खोलेगा.70 साल में यह पहली बार होगा,जब सऊदी अरब में शराब बिकेगी.
सऊदी के अधिकारियों का कहना है कि यह दुकान शराब के अवैध व्यापार को रोकेगी.सऊदी अरब में शराब पर प्रतिबंध 1952 से है, तब किंग अब्दुल अज़ीज़ के बेटे ने शराब के नशे में एक ब्रिटिश डिप्लोमैट की गोली मारकर हत्या कर दी थी.
अभी सऊदी अरब में शराब पीने या रखने के लिए जुर्माना,क़ैद,सार्वजनिक रूप से कोड़े और अनाधिकृत विदेशियों को वापस भेजने का क़ानून है.
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान इस विज़न के तहत सख़्त नियमों को उदार बना रहे हैं. खाड़ी के दूसरे देशों में भी शराब को लेकर ऐसी ही नीति है.
1951 में प्रिंस मिशारी बिन अब्दुल अज़ीज़ अल-साऊद ने जेद्दा में ब्रिटिश राजयिक सिरिल उस्मान की गोली मारकर हत्या कर दी थी. ऐसा उन्होंने एक फंक्शन में और शराब देने से इनकार करने पर किया था. इस घटना के एक साल बाद किंग अब्दुल अज़ीज़ ने शराब को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया था.मिशारी को हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था.