केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को स्पष्ट कर दिया कि सीएए से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी.उन्होंने आश्वस्त करते हुए कहा कि देश के मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं है.विपक्ष ने वोट बैंक बनाने के लिए यह भ्रम फैलाया कि सीएए से मुस्लिमों की नागरिकता चली जाएगी और उनसे वोट के अधिकारी छीन लिए जाएंगे.सीएए नागरिकता लेने नहीं,बल्कि देने का कानून है.
अमित शाह ने कहा,‘सीएए पारित होने के बाद देश में एक बहुत बड़ी गलतफहमी फैलाई गई और इतने में कोविड आ गया. हम लोकतांत्रिक देश में हैं. जब किसी सच्ची चीज के लिए गलतफहमी फैलाई जाती है तो सत्ता में जो पार्टी होती है, उसका दायित्व होता है कि सच्चाई लोगों तक पहुंचाए. विपक्ष द्वारा उन्हें (मुस्लिमों) भ्रमित किया गया. विपक्ष ने अपने वोट बैंक बनाने के लिए यह भ्रांति फैलाई कि सीएए से इस देश के अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुस्लिम भाइयों-बहनों का मताधिकार-नागरिक तत्व छीन लिया जाएगा.जबकि है उल्टा. सीएए से किसी की नागरिकता नहीं जाने वाली है.’

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