बीसीसीआई के मुताबिक़ A+ श्रेणी में शामिल किए गए पुरुष क्रिकेटरों को सात करोड़ सालाना मिलेंगे, जबकि A श्रेणी में शामिल खिलाड़ियों को पाँच और B श्रेणी के खिलाड़ियों को तीन करोड़ रुपये मिलेंगे. जबकि C श्रेणी में शामिल खिलाड़ियों को सालाना एक करोड़ रुपये दिए जाएँगे.
बीसीसीआई की घोषणा के बाद आप भले ही ये जानकार हैरान होंगे कि हमारे क्रिकेटरों की कमाई कितनी बड़ी है. लेकिन ये कहानी का एक ही पहलू या यों कहें कि अधूरा सच है.

आप ये न समझिए कि कप्तान विराट कोहली A+ श्रेणी में होने के कारण साल में सात करोड़ ही कमाते हैं. विज्ञापन की तो हम बात ही नहीं कर रहे. सिर्फ़ क्रिकेट की कमाई का अगर ज़िक्र किया जाए, तो ये आधा सच है.

दरअसल खिलाड़ियों को सालाना रिटेनरशिप के अलावा कई अन्य तरह की फ़ीस दी जाती है. इनमें हर टेस्ट मैच, हर वनडे और हर टी-20 मैच के लिए अलग पैसा मिलता है.
चलिए हम आपको बताते हैं कि क्रिकेटर्स को टेस्ट, वनडे और टी-20 के लिए कितना पैसा मिलता है.

वर्ष 2016 में बीसीसीआई के तत्कालीन अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने मैच फ़ीस में अच्छी ख़ासी बढ़ोत्तरी की थी, जो अभी तक लागू है.

बीसीसीआई एक टेस्ट मैच के लिए हर क्रिकेटर को 15 लाख रुपये, हर वनडे के लिए छह लाख रुपये और हर टी-20 मैच के लिए तीन लाख रुपये देती है.

इतना ही नहीं टेस्ट, वनडे या टी-20 में क्रिकेटरों को व्यक्तिगत प्रदर्शन और टीम प्रदर्शन के लिए अलग से बोनस दिया जाता है.

यानी किसी क्रिकेटर ने सेंचुरी मारी तो अलग से बोनस और टीम ने मैच जीता तो अलग से खिलाड़ियों को बोनस.
ये राशि कितनी होती है, इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं है. लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो ये राशि पाँच से सात लाख रुपये तक होती है.

इसके अलावा खिलाड़ियों को प्रायोजकों की ओर से मैन ऑफ़ द मैच, मैन ऑफ़ द सिरीज़ और अन्य तरह के पुरस्कार मिलते हैं और पुरस्कार राशि अच्छी ख़ासी होती है.

इंडियन प्रीमियर लीग के शुरू होने के बाद खिलाड़ियों की कमाई में ज़बरदस्त बढ़ोत्तरी हुई है.

इसके अलावा कई स्टार क्रिकेटर विज्ञापन से भी भारी-भरकम कमाई करते हैं.

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