जमीयत उलेमा ए हिंद ने ट्रिपल तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को शरीयत के खिलाफ बताया है। जमीयत ने इस मुद्दे पर अपना स्टैंड सपष्ट करते हुए कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपनी मुहिम जारी रखेगी।
जमीयत उलेमा ए हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि कोर्ट के फ़ैसले के बावजूद ‘एक साथ तीन तलाक़’ या तलाक़-ए-बिद्दत को वैध मानना जारी रहेगा। मदनी ने कहा कि अगर आप सज़ा देना चाहें तो दें, लेकिन इस तरह से तलाक़ मान्य होगा।
मदनी ने कहा “हम इस फैसले से सहमत नहीं हैं। हम समझते हैं कि अपना धर्म मानने के मौलिक अधिकार पर भी ये हमला है। निकाह, हलाला और बहुपत्नी प्रथा का बार-बार ज़िक्र इस बात का संकेत है कि अभी और भी हस्तक्षेप के लिए और भी मुद्दे निशाने पर होंगे।”