इस बार ऑड-ईवन में दोपहिया वाहनों को भी छूट नहीं मिलेगी

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इस बार दिल्ली में ऑड-ईवन लागू होता है तो टूवीलरों को भी इसमें छूट नहीं मिलेगी। ऐसे में दिल्लीवालों को इस दौरान काफी परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं। प्रदूषण के लिहाज से सबसे संवेदनशील महीने नवंबर और दिसंबर ही हैं। पिछले साल नवंबर में दिल्ली की हवा सांस लेने लायक नहीं रह गई थी। इसकी वजह से स्कूलों तक को बंद करना पड़ा था। ईपीसीए के चेयरमैन डॉ. भूरे लाल ने कहा कि यदि ऑड-ईवन को लाने की नौबत आई तो इस बार टूवीलरों को भी इसमें छूट नहीं मिलेगी। छूट का दायरा उस स्थिति में कम से कम होगा।

ग्रेडेड रिस्पॉन्स ऐक्शन प्लान के तहत दिल्ली में प्रदूषण का स्तर अति खतरनाक होने पर ऑड-ईवन लागू किया जाएगा। यह कदम उस समय उठाए जाएंगे जब दिल्ली में 40 घंटों तक पीएम 10 का स्तर 500 से अधिक और पीएम 2.5 का स्तर 300 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक रहेगा। इस समय दिल्ली की कई जगहों पर पीएम 2.5 का स्तर 300 से अधिक चल रहा है। इसमें धीरपुर में 336, पीतमपुरा में 344, डीयू 359, पूसा में 306, लोदी रोड में 320, मथुरा रोड में 373, एयरपोर्ट में 339, आया नगर में 327 दर्ज हुआ है। यह स्तर शाम 7:30 बजे रिकॉर्ड हुआ। ऐसे में यह माना जा सकता है कि आसार बहुत अच्छे नहीं है।

सीएसई यह भी कह चुकी है कि दिल्ली में ऑड-ईवन के लिए तैयारियां पूरी नहीं है। बसों की फ्लीट पर्याप्त नहीं है। पिछले मंगलवार को ईपीसीए की पहली वीकली मीटिंग में भी ऑड-ईवन का मुद्दा उठा था और इसमें तैयारियों को परखा गया। इसमें पता चला कि ऑड-ईवन के लिए दिल्ली में पर्याप्त बसें नहीं है। क्योंकि इस बार स्कूल बंद नहीं हैं, ऐसे में स्कूलों की बसें नहीं ली जा सकतीं। दूसरे शहरों में सीएनजी की बसें नहीं है और डीजल बसों को दिल्ली में नहीं चलाया जा सकता।

डीजल बसों के साथ ऑड-ईवन लाने का लाभ दिल्ली को नहीं मिलेगा। ईपीसीए के चेयरमैन डॉ. भूरेलाल ने बताया कि ऑड-ईवन इमरजेंसी के हालात में लागू किया जाना है। ऐसे में उस समय छूट का दायरा कम से कम होगा। इस बार दोपहिया गाड़ियों को भी छूट नहीं मिलेगी। इसी हिसाब से डिपार्टमेंट को तैयारियां करने के लिए निर्देश दिए जा रहे हैं।

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