NEW DELHI, INDIA - OCTOBER 16: The chaos of traffic on the newly inaugurated Rani Jhansi flyover after it was thrown open to public, at Rani Jhansi Road on October 16, 2018 in New Delhi, India. (Photo by Sushil Kumar/Hindustan Times via Getty Images)

उत्तरी दिल्ली नगर निगम (NDMC) का महत्वाकांक्षी रानी झांसी फ्लाईओवर जनता के लिए खोल दिया गया। 99.38 करोड़ रुपये से बने इस फ्लाईओवर का उद्घाटन थोड़ी देर पहले स्थानीय सांसद व केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने फीता काटकर किया।

इस मौके पर हरदीप सिंह पुरी, विजय गोयल, उपराज्यपाल अनिल बैजल, उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर आदेश गुप्ता समेत निगम के कई नेता मौजूद रहे। उद्घाटन से ठीक पहले फ्लाईओवर को सजाया गया है और कलाकारों ने यहां पर नृत्य भी पेश किया।

रानी झांसी फ्लाईओवर के नीचे और ऊपर पौधे लगाकर सुंदरीकरण किया गया है। यहां वर्षा जल का संचयन भी हो सकेगा। रानी झांसी फ्लाईओवर का निर्माण शुरू होने से संपन्न होने तक कई बाधाएं आई। एकीकृत निगम से लेकर निगम के बंटवारे के बाद उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने काफी मेहनत की।

फ्लाईओवर के कारण सदर बाजार और चांदनी चौक का व्यापार बढ़ने की भी उम्मीद है, क्योंकि व्यापारियों और ग्राहकों को अब यहां जाम नहीं झेलना होगा

इस मौके पर हरदीप सिंह पुरी, विजय गोयल, उपराज्यपाल अनिल बैजल, उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर आदेश गुप्ता समेत निगम के कई नेता मौजूद रहे। उद्घाटन से ठीक पहले फ्लाईओवर को सजाया गया है और कलाकारों ने यहां पर नृत्य भी पेश किया।

एक दशक पूर्व इस फ्लाईओवर का निर्माण शुरू हुआ था और तभी से इसके पूरा होने का इंतजार हो रहा था। खास बात यह है इस फ्लाईओवर की कल्पना वर्ष 1997 में ही की गई थी।

रानी झांसी फ्लाईओवर के नीचे और ऊपर पौधे लगाकर सुंदरीकरण किया गया है। यहां वर्षा जल का संचयन भी हो सकेगा। रानी झांसी फ्लाईओवर का निर्माण शुरू होने से संपन्न होने तक कई बाधाएं आई। एकीकृत निगम से लेकर निगम के बंटवारे के बाद उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने काफी मेहनत की।

निगम के लिए सबसे बड़ी चुनौती रास्ते में आने वाली दुकानों को यहां से स्थानांतरित करने की थी। दो बड़े धार्मिक स्थलों को गिराना और भी दुष्कर कार्य था। सुप्रीम कोर्ट से भी कई बार यहां की जमीन के अधिग्रहण पर रोक लग चुकी थी, लेकिन निगम ने अपना पक्ष मजबूती से रखा और रोक हटी। पिछले वर्ष 2017 में निगम ने फिल्मिस्तान के पास 700 वर्ग मीटर में खड़ी दुकानों के ढांचे को भी गिरा दिया था। उपराज्यपाल भी निर्माण को लेकर गंभीर थे। उन्होंने करीब छह बार इसका निरीक्षण किया था।

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