यूपी में अब जूता घोटाला की आशंकाएं जोर पकड़ रही हैं। अलीगढ़ के करीब 50 हजार स्कूली बच्चे बिना जूता पहने या फिर चप्पलें पहनकर स्कूल जाने को मजबूर बताए जा रहे हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक कुछ बच्चे ऐसे भी हैं जिन्हें सरकार की योजना में से महज एक पैर का ही जूता उपलब्ध हुआ। जूता सप्लाई करने वाली कंपनी ने 12 महीने की गारंटी और वॉरंटी दी थी, लेकिन कई बच्चों के जूते 4 महीने में ही बुरी तरह से फट गए। राज्य सरकार ने इस बाबत बेसिक शिक्षा विभाग के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। अलीगढ़ के बेसिक शिक्षा विभाग ने यह स्वीकार किया है कि 2.11 लाख जोड़ी जूते बांटे गए थे, जिनमें 52,000 जोड़ी जूते खराब ही आए थे और उन्हें बदलने के लिए कंपनी के पास वापस भेजा गया है। इसके अलावा 23,234 जोड़ी मोजे भी खराब गुणवत्ता वाले निकले जिन्हें बदलने के लिए आपूर्तिकर्ता के पास वापस भेजा जा चुका है। अलीगढ़ में 1776 प्राइमरी स्कूल और 735 जूनियर हाई स्कूल हैं
अलीगढ़ के बेसिक शिक्षा अधिकारी धीरेंद्र कुमार यादव ने बताया कि जूते पावरटेक इलेक्ट्रो इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा और मोजे खादिम इंडिया लिमिटेड के द्वारा सप्लाई किए गए थे। सप्लाई किए जाने की तारीख से 12 महीनों तक किसी भी तरह की क्षति की हालत में उनकी 12 महीने की गारंटी और वॉरंटी दी गई थी। उन्होंने कहा कि आपूर्तिकर्ता बताए जाने के 15 दिनों के भीतर खराब स्कूल बैग, जूते और मोजे बदलने के लिए उत्तरदायी होगा। उन्होंने आगे कहा कि स्कूलों में जूते और मोजे पहुंचाने से पहले उनकी जांच हुई थीं, लेकिन उनमें से कुछ खराब गुणवत्ता वाले निकल गए। लोढ़ा के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी आलोक प्रताप सिंह ने कहा कि उनके ब्लॉक में 23 डिब्बों में एक-एक जूता ही निकला और 5000 जोड़ी जूते खराब थे। उन्होंने बताया कि सभी खराब जूतों को बदलवाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग के पास भेजा गया है।

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