वायु सेना के मार्शल अर्जन सिंह का शनिवार को निधन हो गया. वह 98 वर्ष के थे. अर्जन सिंह को जब वायु सेना प्रमुख बनाया गया था तो उनकी उम्र उस वक्त महज 44 साल थी और आजादी के बाद पहली बार लड़ाई में उतरी भारतीय वायुसेना की कमान उनके ही हाथ में थी. पीएम नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर उनके निधन पर शोक जताया.

1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. अर्जन सिंह भारतीय वायुसेना के एक मात्र अधिकारी थे, जिनकी पदोन्नति पांच सितारा रैंक तक हुई.

अर्जन सिंह को शनिवार सुबह सेना के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया था. दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. भारतीय सैन्य इतिहास के नायक रहे अर्जन सिंह ने 1965 की लड़ाई में भारतीय वायुसेना का नेतृत्व किया था. पीएम मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा वायु सेना प्रमुख बी एस धनोवा ने अस्पताल का दौरा किया.

अर्जन सिंह ने आजादी के दिन यानी 15 अगस्त 1947 को वायु सेना के 100 से भी अधिक विमानों के लाल किले के ऊपर से फ्लाइ-पास्ट का भी नेतृत्व किया था. पाकिस्तान के खिलाफ जंग में उनकी भूमिका के बाद वायु सेना प्रमुख के रैंक को बढ़ाकर पहली बार एयर चीफ मार्शल किया गया, उन्हें नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था.

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