चुनाव नतीजों और रुझानों के मुताबिक बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन कर ज़रुर उभरी है, लेकिन बहुमत के आंकड़े से दूर है. दूसरे नंबर पर कांग्रेस है और तीसरे नंबर पर जेडीएस है.

लेकिन अगर नतीजे फंसते हैं तो कर्नाटक का भविष्य राज्यपाल के हाथों तय होगा.

राज्य में सरकार किसकी बनेगी ये उनके उस फैसले पर निर्भर करेगा, कि किसे वो आमंत्रित करते हैं.
कर्नाटक में सरकार बनाने के इंतजार में बैठी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस+जनता दल (सेक्युलर) राज्यपाल वजुभाई के फैसले का इंतजार कर रही हैं। दरअसल, राज्य में विधानसभा चुनाव के नतीजे कुछ ऐसे आए हैं कि कोई भी पार्टी अकेले सरकार बना पाने की स्थिति में नहीं है। दावा दोनों पक्षों की ओर से किया गया है, ऐसे में फैसला अब राज्यपाल को अपने विवेक के आधार पर लेना है।

राज्यपाल वजुभाई आर. वाला (79) के बारे में जानने की कोशिश करें तो पता चलता है कि वह नरेंद्र मोदी के सबसे वफादार लोगों में से एक रहे हैं। गुजरात सरकार में वित्त मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष रहे वजुभाई ने नरेंद्र मोदी को विधानसभा पहुंचाने के लिए खुद की सीट भी छोड़ दी थी। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि वह अपनी ‘वफादारी’ साबित करते हैं या फिर दूसरे पक्ष को मौका देते हैं।

राज्यपाल वजुभाई आर. वाला (79) के बारे में जानने की कोशिश करें तो पता चलता है कि वह नरेंद्र मोदी के सबसे वफादार लोगों में से एक रहे हैं। गुजरात सरकार में वित्त मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष रहे वजुभाई ने नरेंद्र मोदी को विधानसभा पहुंचाने के लिए खुद की सीट भी छोड़ दी थी। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि वह अपनी ‘वफादारी’ साबित करते हैं या फिर दूसरे पक्ष को मौका देते हैं।

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