उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रतन स्कवैयर स्थित पासपोर्ट सेवा केंद्र में एक महिला द्वारा पासपोर्ट अधिकारी पर धर्म के नाम पर अपमानित करने का आरोप लगाने के बाद अब विदेश मंत्रालय ने इस मामले पर सख्ती दिखाई।
सूत्रों के अनुसार, इस मामले के सामने आने के बाद विदेश मंत्रालय ने आरोपी पासपोर्ट अधिकारी का तबादला कर दिया है। साथ ही दंपती को पासपोर्ट दे दिया गया है।
बुधवार को लखनऊ के पासपोर्ट सेवा केंद्र में बुधवार को एक महिला ने पासपोर्ट अधिकारी पर धर्म के नाम पर अपमानित करने का आरोप लगाया था। उन्होंने इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को भी ट्वीट किया था।
तानवी का आरोप था कि वह बुधवार को अपने पति और 6 साल की बच्ची के साथ पासपोर्ट बनवाने गई थीं। इस दौरान शुरुआती दो काउंटरों (ए और बी ) पर उनके आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो गई, लेकिन जब वह तीसरे काउंटर पर पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्र के पास गईं तो वह उनके धर्म को लेकर अपमानित करने लगे।
तन्वी ने आरोप लगाया कि वहां मौजूद कुछ अन्य कर्मचारी भी उनकी खिल्ली उड़ाने लगे। जब वह काउंटर सी-5 पर पहुंचीं तो हालात और बिगड़ गए। विकास मिश्र ने दस्तावेज देखने के बाद मुसलमान से शादी के बारे में सवाल-जवाब शुरू कर दिए।
उनका यह बर्ताव तन्वी को नागवार गुजरा। इसी दौरान उनके पति अनस सिद्दीकी भी उनके पास पहुंच गए। आरोप है कि विकास ने अपमानित करते हुए दोनों को एक ही सरनेम करने की सलाह दे डाली। फिर तानवी ने विदेश मंत्रालय से इस मामले की शिकायत करते हुए केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज को अपने ट्वीट में इस विवाद की जानकारी दी।
इसके बाद हरकत में आए अधिकारियों ने पहले तो दंपती से लिखित शिकायत मांगी। वहीं दूसरी ओर मामले पर मीडिया में जारी विवाद के बीच मंत्रालय ने हरकत में आते हुए पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्र का तबादला कर दिया।
इसके साथ ही मंत्रालय ने इस संबंध में अब लखनऊ के पासपोर्ट कार्यालय से रिपोर्ट भी तलब की है। वहीं, गुरुवार को इस मामले पर सफाई देते हुए लखनऊ के क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी ने कहा कि आरोपी अधिकारी विकास मिश्र को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
उन्होंने कहा कि नोटिस का जवाब मिलने के बाद आरोपी अफसर पर कार्रवाई की जा सकती है और हमारी कोशिश होगी कि ऐसी घटनाएं भविष्य में कभी ना हो सकें।