Express live news ( Reported by Sardar Husain )
मंगलवार की रात मस्जिदों और अन्य धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की भीड़ रही और रात भर लोगों ने उपासना, प्रार्थना की तथा हज़रत अली अलैहिस्सलाम के शहादत दिवस का शोक मनाया। दिल्ली की शिया जमा मस्जिद तथा अनेक स्थानों पर जुलूस और मजलिसों का सिलसिला जारी है

ज्ञात रहे कि 19 रमज़ान को सुबह की नमाज़ के दौरान हज़रत अली अलैहिस्सलाम पर इब्ने मुल्जिम नाम के व्यक्ति ने ज़हरीली तलवार से हमला किया था और 21 रमज़ान की सुबह हज़रत अली अलैहिस्सलाम शहीद हो गए थे। इसी उपलक्ष्य में 19 रमज़ान से 21 रमज़ान तक हज़रत अली अलैहिस्सलाम का शोक मनाया जाता है। इसके अलावा रमज़ान की 19वीं तथा 21वीं रात को शबे क़द्र के रूप में भी मनाया जाता है और इन रातों में लोग जाग कर अल्लाह की उपासना करते हैं तथा अपने गुनाहों की माफ़ी मांगते हैं।

प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार इराक़ के पवित्र नगरों नजफ़, कर्बला, काज़ेमैन, सामर्रा और मस्जिदे कूफ़ा में कार्यक्रमों का क्रम जारी है जबकि ईरान के समस्त छोटे बड़े शहरों विशेषकर पवित्र नगर मशहद और क़ुम में हर ओर शोक सभाओं और जूलूसों का क्रम जारी है।

इस अवसर पर पूरे ईरान में काले पर्दे लगे हुए हैं जबकि मस्जिदों, इमामबाड़ों और धार्मिक स्थलों तथा सड़कों पर काले झंडे लगाए गये हैं। पवित्र नगर मशहद में हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम और क़ुम में हज़रत मासूमा के रौज़ों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हैं।

पवित्र नगर नजफ़ से प्राप्त रिपोर्ट में कहा गया है कि लाखों की संख्या में श्रद्धालु रौज़े और उसके आसपास एकत्रित होकर अपने इमाम का शोक मना रहे हैं।

भारत और पाकिस्तान में भी हज़रत अली अलैहिस्सलाम की शहादत के अवसर पर सभी छोटे बड़े शहरों में शोक सभाएं आयोजित हो रही हैं और जूलूस निकाले जा रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here