अमेरिका और इस्राइल के साथ ईरान के रिश्ते बद से बदतर होते जा रहे हैं। ईरान रिवॉल्यूशनरी गार्डस ने बुधवार को कहा कि अगर ईरान को धमकाया गया तो वे इस्राइल के शहरों पर मिसाइल से हमला कर देंगे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने यह भी कहा कि वे अमेरिका द्वारा ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को समाप्त करने के दबाव के बावजूद देश की रक्षात्मक क्षमताओं को बढ़ाते रहेंगे। अमेरिका, इस्राइल और ईरान के बीच इस तनाव से दुनिया में बड़ी अशांति का खतरा पैदा हो गया है।

ईरान के एक वरिष्ठ धर्मगुरु अयातुल्ला अहमद खातेमी ने भी बुधवार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनके देश पर इस्राइल और अमेरिका द्वारा हमला किया गया तो ईरान उसका माकूल जवाब देगा।

खातेमी ने तेहरान में ईद की नमाज में इकट्ठा हुए लोगों से कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बातचीत का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।

उन्होंने कहा, ‘अमेरिकी कहते हैं कि वार्ता के दौरान वे जो कह रहे हैं, उसे स्वीकार करना होगा। यह वार्ता नहीं तानाशाही है। ईरान तानाशाही के खिलाफ खड़ा होगा।’

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खेमनेई इससे पहले परमाणु समझौते पर ट्रंप के बिना शर्त वार्ता के प्रस्ताव को यह कहकर ठुकरा चुके हैं कि अगर अमेरिकी मिलना चाहते हैं तो ठीक है, अगर वे नहीं मिलना चाहते तो वह इसकी जरा सी भी परवाह नहीं करते।

खातेमी ने कहा कि ‘ईरान के साथ जंग की कीमत काफी ऊंची होगी।’ उन्होंने साथ ही कहा कि अगर अमेरिका उनके देश को जरा भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा तो अमेरिका और क्षेत्र में इसके सहयोगी देश इस्राइल को निशाना बनाया जाएगा।

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