कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के पुराने इलाके की रहने वाली इरम हबीब घाटी की महिलाओं के लिए कामयाबी का नया पन्ना लिखने जा रही हैं। वह ऐसी इस सूबे की ऐसी पहली महिला हैं, जो पायलट हैं और जल्द ही विमान उड़ाती नजर आएंगीं। 12वीं कक्षा में इरम ने जब पहली बार पायलट बनने की ख्वाहिश जताई थी, उस समय उन्हें किसी ने प्रोत्साहित नहीं किया था।

उससे कहा गया था कि कश्मीर की एक लड़की कभी पायलट नहीं बन सकती। उन्हें अपने माता पिता को अपनी बात मनवाने के लिए छह साल तक संघर्ष करना पड़ा। क्योंकि उन्हें लगता था कि पायलट की जॉब महिलाओं के लिए नहीं होती।

इरम ने अपनी ग्रेजुएशन देहरादून से पूरी की. बाद में शेर ए कश्मीर यूनिवर्सिटी से उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएट किया। उनके पिता एक बिजनेसमैन हैं। 30 वर्षीय इरम कहती हैं कि मैं उड़ान के अपने सपने को किसी भी कीमत पर पूरा करना चाहती थी।

इरम का परिवार चाहता था कि वह पीचडी कर सरकारी सर्विस करें। इरम ने डेढ़ साल तक पीएचडी की भी, लेकिन बाद में उन्होंने अमेरिकी फ्लाइट स्कूल में दाखिल ले लिया।

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